RCT( रूट कैनाल ट्रीटमेंट ) के दौरान आवश्यक निर्देश -
1. रूट कैनाल ( RCT ) एक प्रकार का डेंटल ट्रीटमेंट है ,जो बैक्टीरिया से संक्रमित दांतों की जड़ो ( Roots ) में किया जाता हैं। दांतों में संक्रमण ( Infection ) एक संरचना के कारण होता है, जिसे पल्प ( Dental Pulp ) के रूप में जाना जाता है। पल्प, दांत का सबसे भीतरी हिस्सा होता है जिसमें पोषक तत्व, रक्त वहानियां, दांतो की नसें और पानी होता है। यदि यह क्षतिग्रस्त या संक्रमित हो जाता है, तो इसमें तेज दर्द होने लगता है। रूट कैनाल उपचार की प्रक्रिया के दौरान,दांत की जड़ के संक्रमित हिस्से को साफ करके सीमेंट ( रूट कैनाल फिलिंग ) भर दिया जाता है ।
2. साधारणतया आरसीटी ( RCT ) के लिए तीन से चार बार आना पड़ता है ।
3. कभी-कभी आरसीटी किए हुए दांत में दर्द /सूजन आ जाती है। ऐसी स्थिति में घबराएं नहीं और धैर्य बनाएं रखें। बाहर से बर्फ का सेक करें, बताई गई दर्द निवारक दवाई ले और डॉक्टर से संपर्क करें।
4. शुरू के कुछ दिन खाते समय आरसीटी किए गए दांत में दर्द हो सकता है तथा अभ्यास करने से धीरे-धीरे ठीक हो जाता है । दर्द होने पर बताई गई दवाई ले और गुनगुने पानी में नमक डालकर कुल्ला करें ।
5. आरसीटी के बाद दांत पर क्रॉउन ( Zirconia / metal free cap ) अवश्य बनवाना चाहिए , उससे दांत टूटने/ खिरने से बच सकता है।
6. दांत में पड़े मवाद ( Infection ) के ना सूखने , दांत का हिलना ना रुकने या दांत के टूट जाने की स्थिति में आरसीटी किया हुआ दांत निकलवाना भी पड़ सकता है ।
7. रूट कैनाल विकल्पों में क्षतिग्रस्त दांत को निकालना ( Extraction ), आगे कोई उपचार नहीं करना, या दांत को डेंटल इम्प्लांट (Implant ), ब्रिज ( Fixed crown & bridge ) या हटाने योग्य आंशिक डेन्चर ( Removable partial denture ) से बदलना शामिल है।
8. आरसीटी किए हुए दांत की नियमित जांच कराते रहे ( प्रत्येक 6 महीने में एक बार ) और किसी भी प्रकार की असुविधा होने पर क्लीनिक मे संपर्क करें । ऑनलाइन अपॉइंटमेंट लेने के लिए दिए गए लिंक पर क्लिक करें https://www.drchopradentalclinic.in/book-online या व्हाट्सएप करें 9828153307
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